जनगीतों / नुक्कड़ नाटक के जरियें सफ़दर हाशमी की याद ताजा हुयी
प्रकाशनार्थ
जनगीतों / नुक्कड़ नाटक के जरियें सफ़दर हाशमी की याद ताजा हुयी l
1जनवरी लखनऊ l आज प्रसिद्ध नुक्कड़ नाट्य रंगकर्मी सफ़दर हाशमी कि 29वी सहादत पर हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के कलाकर पूरे जोश और तेवर के साथ पटेल प्रतिमा पर इकट्ठा होकर अपने नाटक और जनगीतों के जरिये सफ़दर को याद किया l जनगीतो और नाटक से पूर्व सफ़दर को श्रद्धांजलि देते हुए भोजपुरी साहित्य के वरिष्ठ रचनाकार कृष्णानंद राय ने कहा कि सफ़दर को याद करने का मतलब आज के दौर में ज्यादा प्रासंगिक है क्योकि जनविरोधी सरकारें साहित्यकारों ,कलाकारों की आवाजो का गला ही नही घोट रही है, बल्कि उनके ऊपर हमले हो रहे है और उनकी हत्या की जा रही है उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के विदूप चेहरे को दुरुस्त करने के लिए इस देश को एक वृहद सांस्कृतिक आन्दोलन कि जरूरत है l
राय के सम्बोधन के बाद कलाकारों ने जनगीत “उठो की रास्ते” गा कर पूरे माहौल को ओजस्वी बना दिया l
गीत के बाद अपने इसी तेवर को बनाए रखते हुए कलाकारों ने वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल मिश्रा गुरु जी के लेखन व निर्देशन में नुक्कड़ नाटक “लोक तंत्र की जय” का मंचन किया l आधे घंटे की इस धारदार प्रस्तुति में व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर चोट करते हुए तथा कथित लोकतंत्र का प्रर्दाफाश किया l शानदार संवादों और कोलार्जों से सजी इस प्रस्तुति में हिंसा / बलात्कार / दमन /सरकारी वादे और आमजन की पीड़ा को कलाकारों ने बखूबी चित्रित किया l नाटक में प्रमुख रूप से वत्सल त्रिपाठी ,देवेन्द्र सिंह शेखावत,अंशुमन दीक्षित, बबीता पाण्डेय ,श्रुति कीर्ति सिंह, ज्योति पाण्डेय एवं अमृता ने विभिन्न किरदारों को जीवंत किया l नाटक का संगीत संयोजन संतोष शर्मा का था l
सफ़दर की सहादत के इस महत्वपूर्ण आयोजन पर मुख्य रूप से थिएटर एवं फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव दबीर सिद्दीकी, धर्मश्री सिंह ,चन्द्र भाष सिंह ,जाफ़र जैक्सन,सुधाकर दीक्षित ,अमर राजभर ,मो.हैदर ,संजय त्रिपाठी ,राजन गुप्ता ,अभय कुमार शुक्ला ,अभय गुप्ता ,वरिष्ठ कला समीक्षक / पत्रकार राजवीर रतन ,अशोक सिंह ,विष्णु पांडेय तथा समाज सेवी जनसेवक अनूप मिश्रा “ राजा भाई “ आदि उपस्थित रहे l
अध्यक्ष
वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल मिश्रा ‘’गुरु जी‘’
Mob No- 8604535051,9335222238
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